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कब आएगी भारत में कोरोना की वैक्सीन ? देखिए कंपनी ने क्या दिया जवाब
ATI desk | 10-08-2020

दुनियाभर में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता जा रहा रहै। अभी तक इसकी कोई भी वैस्किन नहीं आ सकी है पूरी दुनिया में संक्रमित मरीजों की संख्या दो करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली है। तेजी से फैलते कोरोना वायरस के बीच दुनियाभर में वैक्सीन पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। भारत भी तेजी से वैक्सीन के ट्रायल कर रहा है। हालांकि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के CMD कृष्णा एल्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि वो वैक्सीन की लॉन्चिंग को लेकर किसी तरह के दबाव में नहीं है।
हम सेफ्टी और क्वालिटी के साथ समझौता नहीं कर सकते
कोरोना वायरस पर हो रही चर्चा के दौरान कृष्णा एल्ला ने कहा है कि मौजूदा महामारी के चलते कंपनी पर जल्दी वैक्सीन तैयार करने का दबाव है, लेकिन हम सेफ्टी और क्वालिटी के साथ किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते हैं।बता दें कि भारत बायोटेक की वैक्सीन पहले फेज का क्लिनिकल ट्रायल पूरा कर चुकी है और अब दूसरे चरण में पहुंच चुकी है।
वैस्किन जल्दी बनाने के चक्कर में हम कोई बड़ा खतरा मोल नहीं ले सकते
एल्ला ने कहा कि वैक्सीन को जल्द बनाने को लेकर हम पर काफी दबाव है, लेकिन हमारे लिए इसकी सेफ्टी और क्वालिटी ज्यादा जरूरी है। हम गलत वैक्सीन बनाकर लोगों को मारना नहीं चाहते। उच्चतम दर्जे (Highest Grade) का क्लिनिकल रिसर्च करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम कई इंटरनेशनल एजेंसियों और समुदायों की निगरानी में हैं। ये हमारे और हमारे देश के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने आगे कहा कि हम अपने रिसर्च की टाइम लिमिट कम नहीं करेंगे। हम सबसे अच्छी क्वालिटी की वैक्सीन तैयार करेंगे। हालांकि कृष्णा एल्ला ने वैक्सीन की लॉन्चिंग डेट बताने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की वैक्सीन इंडस्ट्री किसी भी तरह से अमेरिका और यूरोप के बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कम नहीं है और यह Technique और Clinical research के मामले में चीन से बहुत आगे है। कृष्णा एल्ला ने कहा कि कई लोगों को भारतीय कंपनी की क्षमता पर भरोसा नहीं है, वो कंपनी पर संदेह करते हैं।
हालांकि ऐसे लोग ये लोग तब गलत साबित हो गए, जब हमने अपने क्लिनिकल ट्रायल्स से रोटावायरस, पोलियो और अन्य बीमारियों के लिए वैक्सीन बना लिए।उन्होंने कहा कि फिलहाल महामारी के खिलाफ एक सही रणनीति तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती है।उनका कहना है कि महामारी की ओर लोगों का ध्यान इसलिए इतना ज्यादा जा रहा है क्योंकि इससे ना केवल मौतें हो रही हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान पहुंच रहा है। लेकिन अगर देखा जाए तो कोरोना की तुलना में रोड एक्सीडेंट्स में अधिक मौतें होती हैं। उनका कहना है कि इस महामारी को लेकर लोगों को ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है, नहीं तो इससे कई समस्याएं भी हो सकती हैं।